Ahimsa param dharm hai
“अहिंसा ही परम धर्म है” “अहिंसा ही परम धर्म है” मानव जीव अति दुर्लभ है । पुण्य कर्मों से हमें यह मानव जीवन प्राप्त हुआ है इस मनुष्य जीवन का सदुपयोग करते हुए मानव जीवन में अपने भीतर सदा सेवा भावना रखनी चाहिए । भगवान महावीर ने “जिओ और जीने दो” का जो अहिंसा …